मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

समाज कल्याण अधिकारी को मिली धमकी

आज मेरे कार्यालय में कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी आये, उनकी एक ही डिमांड थी कि मेरे बाबू, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफ़०आई० आर० कराइ है, के खिलाफ लगाये गए आरोपों को मैं वापस ले लूँ, जैसा कि कुछ अधिकारीयों ने किया है, अन्यथा की स्थिति में खुलेआम चेतावनी थी कि वे पूरे जिले में कर्मचारियों की हड़ताल करा देंगे.
हालांकि उनमे से कुछ लोगों ने मेरी बात सुनकर येही कहा कि ऐसे कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही होनी ही चाहिए. लेकिन उनकी आवाज कुछ धीमी हो गयी थी,
एक व्यक्ति ने गोले बारूद की बात कही, जिस पर मेरे गनर ने रिपोर्ट की कहा, हालांकि यह जानकर कि प्रशासन उनकी हड़ताल पर उनकी ही बात सुनेगा, मैंने गनर से ऐसा करने के लिए मना कर दिया,
सबसे अच्छी बात यह लगी कि अब तक सुना गया है कि गनर साथ छोड़ देते हैं, लेकिन आज मेरे गनर ने दर्शाया कि वो अपने कर्तव्य को निभाते हुए मेरे साथ है.
और सबसे दुखद बात यह लगी कि कर्मचारी संगठन को तथाकथित एक लुटेरे को बचाने के लिए एकजुट होने का समय मिल गया, लेकिन कभी भी अपने कर्तव्यों पर चलने की बात करने का समय नहीं मिला, क्या चोर-चोर मौसेरे भाई (सबके लिए नहीं लेकिन उनके लिए जो निष्पक्ष जांच न चाहकर केवल चाहते हैं कि संजय सिंह चौहान ने भले की कितने ही घोटाले किये हों, पर वो छोड़ दिया जाये, क्यूंकि वह एक सरकारी कर्मचारी है.)
पूर्व के अनुभवों के आधार पर यह माना जा सकता है कि जनपद का प्रशासन उनके दबाव में आकर मेरे ऊपर दबाव बनाएगा कि मैं इस जांच में बहुत कम तथ्य प्रस्तुत करूँ, हालांकि मैं उनके किसी दबाव में नहीं आने वाला हूँ, फिर भी मुझे यह डर होना चाहिए कि यदि मैं ऐसा करता हूँ, तो मेरे शुभचिंतक विशेषतः जैसे Prince Lenin मेरे खिलाफ ही बड़े स्तर पर मोर्चा खोल देंगे.
इससे मेरे ऊपर दवाब बनाने वालों पर भी खुद ही दवाब बनेगा, क्यूंकि यह फेसबुक की पोस्ट उन तक अवश्य पहुँच जाएगी............................................................

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