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शनिवार, 27 अगस्त 2011
ये देश कि आवाज है राहुल जी
कल श्री राहुल गाँधी, जिसे कुछ लोगो और मिडिया ने देश का युवराज घोषित कर रखा है , अब लोकतंत्र में युवराज मेरी बौद्दिक क्षमता से परे है ये समझाना कि लोकतंत्र में युवराज , ऐसा तो राजतंत्र में होता था लेकिन लोकतंत्र में .......................................... अब ये छोडते है , और कल जो लोक सभा में राहुल गाँधी जी ने कहा ................. पहले तो राहुल जी को धन्यवाद कि तमाम मुद्दों पर तुरंत बोलने वाले राहुल गाँधी को श्री अन्ना अजारे जी व् देश के करोडो लोग जो भ्रष्टाचार मिटाने के लिए जन लोकपाल के लिए सत्याग्रह कर रही है उसके विषय में बोलने के लिए लोकपाल को चुनाव आयोग जैसा स्वतंत्र संस्था हो ठीक बात है होना भी चाहिए लेकिन ये भी स्पष्ट उसमे क्या प्रधानमंत्री व् न्यायपालिका को जांच करने का अधिकार होगा या नहीं दूसरी बात ये कि किसी के द्वारा कोई कानून बनाने के लिए दबाव बनाना लोकतंत्र के संसदीय व्यवस्था के लिए खतरा होने कि बात , तो पहले ये स्पष्ट होना चाहिए कि ये कानून कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि देश कि करोडो जनता माग रही है और ऐसी नौबत भी तब आई जब आपकी सरकार जो बाते तो करती है भ्रष्टाचार को खत्म करने कि लेकिन करती कुछ नहीं है इसलिय मजबूर होना पढ रहा है इस देश के लोगो को अपना देश बचाने के लिए क्योंकि अकेले कोई राजनितिक पार्टी या सांसद ही इस देश का प्रतिनिधि नहीं है इस देश का प्रत्येक नाग्रि़क इस देश का प्रतिनिधि है जहाँ तक संसदीय व्यवस्था कि बात है तो जिस कानून को बनाने कि बात अन्ना जी के नेतृत्व में इस देश कि करोडो जनता कर रही है वो कोई व्यक्तिगत या किसी एक समूह के लाभ के लिए नहीं है बल्कि पुरे देश के लोगो के साथ इस लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए अच्छी बात होगी और एक स्वस्थ लोकतंत्र स्थापित होगा वैसे भी राहुल जी कानून संसद ही बनाएगी ये शक्ति उसी को है हा जनता को अपना प्रतिनिधि चुनने कि स्वतंत्रता व् शक्ति दोनों है और उसका भी समय आएगा जब आपके सारे तर्क का कोई मतलब नहीं होगा `
santosh
svkumarsan@gmail.com
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